कुणाल बहल एक प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी, निवेशक और तकनीकी विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में अपनी विशेष छाप छोड़ी है। वे स्नैपडील (Snapdeal) के सह-संस्थापक और टाइटन कैपिटल (Titan Capital) के सह-संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं। कुणाल का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है, जिसमें शिक्षा, मेहनत, और नवाचार के माध्यम से सफलता की ऊंचाइयों को छूने की उनकी यात्रा शामिल है। आज हम उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं, उनकी शिक्षा, करियर, व्यक्तिगत जीवन और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कुणाल बहल का जन्म 1 जनवरी 1984 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। उनका जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, जहां शिक्षा और मेहनत को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती थी। उनके पिता, रसिकलाल मेसवानी, एक व्यवसायी थे, जिनका निधन कुणाल के 14 साल की उम्र में हो गया था। उनकी मां एक सेवानिवृत्त इंटीरियर डिजाइनर थीं। कुणाल बहल के दो भाई हैं- निखिल बहल और विराज बहल। उनके भाई विराज बहल वीआरबी कंज्यूमर (वीबा फूड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड) के संस्थापक और प्रबंध निदेशक हैं।

कुणाल बहल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), आर.के. पुरम, नई दिल्ली से पूरी की। वे बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थे और हमेशा कुछ नया करने की चाह रखते थे। स्कूल के बाद, उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका का रुख किया। कुणाल ने पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने जेरोम फिशर प्रोग्राम इन मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
इस प्रोग्राम के तहत उन्होंने दो स्नातक डिग्रियां हासिल कीं- एक उद्यमिता, संचालन और सूचना प्रबंधन में व्हार्टन स्कूल से, और दूसरी इंजीनियरिंग में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंस से। इसके बाद, उन्होंने केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से मार्केटिंग में एक कार्यकारी कार्यक्रम भी पूरा किया। उनकी यह शैक्षिक पृष्ठभूमि उनके भविष्य के उद्यमी जीवन की नींव बनी।
करियर की शुरुआत
अमेरिका में पढ़ाई के दौरान कुणाल बहल ने उद्यमिता की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने एक डिटर्जेंट कंपनी शुरू की और अपने उत्पाद को वॉलमार्ट जैसे बड़े स्टोर में बेचने की कोशिश की। यह अनुभव उनके लिए एक सबक था, जिसने उन्हें व्यवसाय की बारीकियां सिखाईं। पढ़ाई पूरी करने के बाद, कुणाल को माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी का प्रस्ताव मिला। उन्होंने वहां कुछ समय तक काम किया, लेकिन 2007 में वीजा संबंधी समस्याओं के कारण उन्हें भारत लौटना पड़ा। यह घटना उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।

भारत लौटने के बाद, कुणाल बहल ने अपने बचपन के दोस्त रोहित बंसल के साथ मिलकर उद्यमिता की राह चुनी। दोनों ने 2007 में जैस्पर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी शुरू की, जो शुरू में ऑफलाइन और फिर ऑनलाइन डिस्काउंट कूपन बेचने का काम करती थी। इस छोटे से विचार ने आगे चलकर एक बड़े सपने को जन्म दिया।
स्नैपडील की स्थापना
4 फरवरी 2010 को कुणाल बहल और रोहित बंसल ने स्नैपडील की स्थापना की। यह कंपनी शुरू में एक डेली डील्स प्लेटफॉर्म थी, जो रेस्तरां, होटल और सिनेमाघरों के लिए डिस्काउंट कूपन बेचती थी। लेकिन 2011 में, कुणाल और रोहित ने चीन की यात्रा की, जहां उन्होंने अलीबाबा जैसी ऑनलाइन मार्केटप्लेस की सफलता को देखा। इस यात्रा ने उन्हें प्रेरित किया और उन्होंने स्नैपडील को एक पूर्ण ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस में बदलने का फैसला किया। इस नए मॉडल के तहत, स्नैपडील ने ग्राहकों को विभिन्न उत्पादों की खरीदारी का विकल्प दिया, जिसने इसे भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म में से एक बना दिया।

स्नैपडील की सफलता में कुणाल की रणनीतिक सोच और नेतृत्व का बड़ा योगदान रहा। कंपनी ने तेजी से विकास किया और लाखों ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाई। 2022 में, स्नैपडील ने अपनी कॉर्पोरेट पहचान को ऐसवेक्टर (AceVector) के रूप में बदला, जिसमें स्नैपडील, यूनिकॉमर्स और स्टेलारो ब्रांड्स जैसे कई व्यवसाय शामिल हैं।
टाइटन कैपिटल और निवेश
2015 में, कुणाल बहल और रोहित ने टाइटन कैपिटल नामक एक वेंचर कैपिटल फर्म की स्थापना की। यह कंपनी नवोन्मेषी विचारों वाले उद्यमियों और स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई थी। टाइटन कैपिटल ने ओला, अर्बन कंपनी, ममअर्थ, क्रेडजेनिक्स, शैडोफैक्स, रेजरपे और गिवा जैसी कई सफल कंपनियों में निवेश किया। कुणाल बहल और रोहित ने अपनी व्यक्तिगत पूंजी का उपयोग करके इस फर्म के जरिए कई निवेशों में 100 गुना से अधिक रिटर्न हासिल किया, जो उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है।
व्यक्तिगत जीवन
कुणाल बहल की शादी यश्ना से हुई है, जो एक कन्फेक्शनरी व्यवसाय चलाती हैं। यह जोड़ा लंबे समय तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद 2012 में शादी के बंधन में बंधा। उनके दो बच्चे हैं- एक बेटी (2015 में जन्मी) और एक बेटा, आदिदेव (2018 में जन्मा)। कुणाल अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं और अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी पारिवारिक जिंदगी की झलकियां साझा करते हैं।

सामाजिक योगदान और मान्यताएं
कुणाल बहल न केवल एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि वे सामाजिक जिम्मेदारी को भी महत्व देते हैं। उन्होंने और उनकी टीम ने उत्तर प्रदेश में एक गांव को गोद लिया और उसे अपने व्यवसाय के नाम पर पुनर्जनन किया। वहां उन्होंने स्वच्छ पानी और बुनियादी ढांचे जैसी सुविधाएं प्रदान कीं, जिससे वहां के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
उन्होंने कई प्रतिष्ठित संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। वे भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (ICRIER) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य, नैसकॉम (NASSCOM) की कार्यकारी परिषद के सदस्य, और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की ई-कॉमर्स राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा, वे राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद के सदस्य भी हैं, जो भारत सरकार को स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सलाह देता है।
पुरस्कार और सम्मान
कुणाल बहल को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। 2014 में, उन्हें ईटी टॉप 50 उद्यमियों की सूची में शामिल किया गया और फॉर्च्यून 40 अंडर 40 प्रभावशाली व्यवसायी नेताओं में 25वां स्थान मिला। इसके अलावा, उन्हें अर्न्स्ट एंड यंग उद्यमी ऑफ द ईयर (स्टार्टअप), द इकोनॉमिक टाइम्स उद्यमी ऑफ द ईयर और जोसेफ व्हार्टन अवार्ड फॉर यंग लीडरशिप जैसे सम्मान भी प्राप्त हुए।
शार्क टैंक इंडिया
कुणाल बहल 2024 में शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में एक नए “शार्क” के रूप में शामिल हुए। इस शो में उनकी बिजनेस इनसाइट्स और निर्णय लेने की क्षमता को दर्शकों ने खूब सराहा। इससे पहले, वे प्राइम वीडियो के रियलिटी शो “मिशन स्टार्ट अब” में जज के रूप में नजर आए थे, जो 19 दिसंबर 2023 को प्रसारित हुआ।
नेट वर्थ
2024 तक कुणाल बहल की अनुमानित नेट वर्थ 3,500 करोड़ रुपये से अधिक है। वे एक शानदार जीवनशैली जीते हैं और अपने निवेशों से भी काफी कमाई करते हैं।
निष्कर्ष
कुणाल बहल की कहानी मेहनत, लगन और नवाचार की मिसाल है। एक साधारण शुरुआत से लेकर भारत के सबसे सफल उद्यमियों में से एक बनने तक का उनका सफर हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने न केवल स्नैपडील को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में भी योगदान दिया। कुणाल बहल आज नई पीढ़ी के उद्यमियों के लिए एक आदर्श हैं, जो यह साबित करते हैं कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है।